स्व. पं. कंवरलालजी शर्मा

स्वयंस्फुर्त कार्यकर्ता

धूलिया शा.ब्रा. समाज में श्रीमान कंवरलालजी शर्मा एक आदरणिय श्रद्धास्थान रहे हैं। उनके सामाजिक कार्य करने की मानसिक रुप से तीव्र इच्छा रही है। शुरू में उनका माल मोटार ट्रान्सपोर्ट का व्यवसाय रहा है। इस व्यवसाय के कारण उनका हर समाज के व्यक्ति से संपर्क रहता था । उनका मिलनसार स्वभाव होने से हर एक व्यक्ति को वे अपने लगते थे । कुछ समय बाद उन्होने टॅक्सी का व्यवसाय शुरु किया। सामाजिक कार्य करने की तीव्र इच्छा होने से संघटना करना, सभी के सामाजिक या फिर किसी के व्यक्तिगत रुपसे सवाल / तकलीफ इसे करने की उनके मानसिक रुपसे इच्छा रहती थी। किसी पर अन्याय होते देख उन्हे सहा नहीं जाता था। सभी को एकसा न्याय मिले इसलिए हरदम चर्चा विमर्श करके सभी के सवाल हल करते थे । मदत करते थे । धूलिया में पहली बार टॅक्सी चालक/मालक संघटना बनाकर उसे सुचारु रुप से कार्यान्वित करके वे प्रथम अध्यक्ष रहे । और मार्गदर्शन संघटन को बढाते हुओ कार्यरत रखा जो आज भी है ।

मनमाड में महाराष्ट्र राज्य शाकद्वीपीय ब्राह्मण सभा के अधिवेशन में उन्होने अगला अधिवेशन धूलिया में दिये शब्द के अनुसार कार्य पुरा किया वो भी इसलिये की उनमें बडा आत्मविश्वास था ।

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