॥ मगों की उत्पत्ति एवं मगों का भारत मे आगमन ॥

ज्ञातव्य है कि हमारी संस्कृति श्रवण संस्कृति रही है । जो बात ब्रह्माजी ने श्री सुतजी से कही वही बात श्री सुतजीने सनकादिक ऋषियों से कही। या श्री व्यासजी ने शौनक ऋषी से कही. अर्थात गुरु शिष्य परंपराने ब्रह्मांड ज्ञान को विविध कथाओं के आधार पर सर्वश्रुत करने का अमोल प्रयास किया है । यही […]

॥ शाकद्वीप ॥

हिन्दकुश पर्वत श्रृंखलाओ से सुशोभितवह भूभाग जहां सूर्य की किरणे सिधी और सरल गिरती है, जहां के धूली कण सहित सूर्यकिरणों की तरंगो में सारा भूभाग स्वर्णिम दिखाई देता है । जहां की विभिन्न वृक्षों से प्रवाहीत, सप्तगिरीयों से टकराती हुआ सौरभ युक्त पवन सारे वातावरण को सुगंधित कर देती है। जहां की नदियां और […]

भगवान सूर्य को अर्घ्य प्रदान करना॥

भक्त वस्तल भगवान भास्कर सूर्यनारायण केवल नमस्कार एवं अर्घ्यप्रदान करनेमात्र से ही भक्तो पर प्रसन्न हो जाते है। इतना ही नही वे मनस्वी मनन नाम स्मरण मात्र से ही भक्तों को आशिर्वाद प्रदान करते है । याज्ञवल्क्य मुनि ने ब्रह्माजी के साथ हुअ वार्तालाप में कहा कि इस असार घोरे संसार में निमग्न प्राणियों द्वारा […]

भारतखंड के तीन प्राचीन सूर्यक्षेत्र (मंदिर)

वस्तुतः भगवान सूर्य एक शाश्वत देव है । सब देवन में साचा देव सर्व द्रष्ट्य है । सूर्य आत्मा जगत्स्त स्थुपश्च अर्थात सारे जगत् के आत्मा स्वरुप है, उर्जा पुंज है। सारा जगत ब्रह्मांड नायक से उत्पन्न है और पोषित हो उसी में बिलय हो जाता है । मग श्रेष्ठों ने इसी केवल सत्य की […]

समाज बगिची, अमरावती

अमराती शहर जिले का मुख्य केन्द्र स्थान है। तथा यह विदर्भ के दो मुख्य विभागिय क्षेत्रों में एक प्रशासकिय गतिविधयों का मुख्य केन्द्र स्थान है। साथ ही यह क्षेत्रिय व्यापारी मंडी एवं राजस्थानी बहुलभाग है । इसी व्यापार एवं निर्वाह हेतु राजस्थान से आये हुओ क्षेत्र अन्य राजस्थानी समाज के साथ शाकद्वीपी ब्राह्मण समाज बांधव […]

श्री भैरवनाथ मंदीर संस्थान बेटावद खु. ॥ ता. जामनेर जि. जलगांव

बेटावद ग्राम उत्तर महाराष्ट्र (खानदेश) का वह स्थान है जो जिला जलगांव के जामनेर तालुका में स्थित है एवं भैरवनाथ मंदिर एवं (धर्मशाला) के नाम से शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण समाज में सर्व परिचीत है। कभी यह ग्राम/ शहर शाकद्वीपीय ब्राह्मणों के मन का केन्द्र था और यही से प्रवासी समाज बांधव परिसर में विचरण करते […]

भैरवनाथ मंदिर एवं धर्मशाला ट्रस्ट, जालना

श्री भैरवनाथ मंदिर एवं धर्मशाला ट्रस्ट (र.नं. ३२९४ औ.बाद) जालना यह स्थान जहा शाकद्वीपीय मग ब्राह्मणों के इष्ट देवता भगवान भैरवनाथ की कुचेरा राजस्थान से करिब २०० / २५० वर्ष पूर्व लायी हुआ भव्य दिव्य विशाल मूर्ती स्थापित है। सेवगों की बगिची के नाम से जाना जाता रहा है । जालना शहर आज जिले के […]

समाज बगिची वाम्बोरी

वाम्बोरी गांव नगर जिले का एक छोटासा कस्बा है। परंतु राजस्थानी समाज की बहुलता के कारण पहलेसे ही व्यापरी मंडी के रूप में जाना जाता है, प्रसिध्द है । तथा यहां सभी राजस्थानी समाज बांधवों में सामंजस्य एवं प्रेमभाव दिखाई देता है। कभी यहां समाज बान्धवों की बस्ती अच्छी संख्या में रही होगी । क्योंकि […]

प्रार्थना

इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना । हम चले नेक रस्ते पर हमसे, भूलकर भी कोई भूल हो ना ॥ १ ॥ दूर अज्ञान के हो अंधेरे, तू हमें ज्ञान की रौशनी दे । हर बुराई से बचते रहे हम, जितनी भी दे, भली जिंदगी दे ॥ बैर होना किसीका […]

प्रभाकर नमोऽस्तु ते

(श्रीशिवप्रोक्तं सूर्याष्टकम्) आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर । दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते ।।१।। सप्ताश्वरथमारुढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम् । श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ।। २ ।। लोहितं रथामरुढं सर्वलोकपितामहम् । महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ।। ३ ।। त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्मविष्णुमहेश्वरम् । महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥ ४ ॥ बृंहितं तेजःपुञ्जं च वायुमाकाशमेव […]