हमारे आदर्श हमारो प्रेरणा यह परिशिष्ट हमारे उन भव्य दिव्य विभूतियों का नामस्मरण है, जो अनादिकाल से युगानुयुग युग-श्रेष्टों में स्थापित रहे है । सप्तर्षी मंडल के देदीप्यमान ऋषी त्यागमूर्ति महर्षी वशिष्ट, भारत के प्रथम साम्राज्य (मोर्य साम्राज्य) निर्मिती के प्रेरक संस्थापक मगध श्रेष्ठविप्र, अर्थवेता कौटिल्य-आर्य चाणक्य, स्वर्ण युगिन गुप्त साम्राज्य के नवरत्न श्रेष्ठों में […]
संस्थापक अध्यक्ष ईसी दौरान आपने मालेगांव की जागिरदारी पालकी । सिम्मोलंघन पद्धती को सार्वजनिक सिम्मोलंघन पद्धती में सहजभाव उत्पन्न कर परिवर्तन करवाया । मालेगांव के लिये यह एक उनकी बडी उपलब्धी है, यह उपलब्धी समानता का भाव दर्शाती है । पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने सर्वप्रथम ‘साप्ताहिक प्रकाश’ पत्रिका की शुरुआत की । प्रभावी समाज […]
शाकद्वीपीय महर्षि वशिष्ठ हिरण्यगर्भ ब्रह्मा के मानस पुत्र है। आप सप्तर्षि मंडल के दैदीप्यमान महर्षि है । काम-क्रोधादि षडरिपु आपसे पराजित होकर आपकी (महर्षि वसिष्ठ की) चरण सेवा रत रहे हैं. । आप आदर्श त्याग, तपस्या, ज्ञान, वैराग्य एवं क्षमा की शाश्वत प्रतिमा रहे है। आपका भगवत्प्रेम निश्छल प्रेम के रुपेमं सर्वश्रुत है। आपका चरित्र […]
भारत के राजनैतिक पृष्ठभूमि का एक अद्वितीय, अविस्मरणीय नाम, भरत खंड में प्रथम साम्राज्य निर्मिती के प्रेरक संस्थापक अर्थशास्त्र तथा नितीशास्त्र के विद्वत प्रणेता, रचियेता। सारे विश्वभर में अर्थवेना कौटिल्य के नाम से पहचाना जानेवाला व्यक्तिमत्व है, मगध विप्र श्रेष्ठ पं. विष्णुदत्त शर्मा अर्थात आर्य चाणक्य । आर्य चाणक्य के नाम से सर्वश्रुत होनेवाले इस […]
हिमालयसी उत्तुंग सोच, सागरसी गहरी समज, अग्नीसा तेज, अनिलसा भावस्पर्शी विचार, आकाशिय विशालता तथा पृथ्वी सी स्फुर शक्ती एवं सहनियता का पिण्ड । ब्रह्माण्ड नायक भगवान सूर्यनारायण का अशिर्वाद अंशावतार मिहिर कुलोत्पन्न (मग श्रेष्ठ) सम्राट विक्रमादित्य के दरबार के नवरत्नों में एक ज्योतिष्य रत्न शिरोमणी वराह मिहिर का जन्म इ.स. ५०५ चैत्र शुद्ध दशम को […]
महाकवि वाणभट्ट सातवी सदी के महाराजा हर्षवर्धन के राजाश्रय प्राप्त संस्कृत भाषा के प्रकांड पंडित गद्यकाव्य एवं पद्य लेखन पर समान प्रभुत्व रखनेवाले सुप्रसिद्ध कवि बाणभट्ट. तटवर्ती प्रितीकुटो आशो शहाबाद जिला स्थित पिटारा ग्राम के नाम से जाना जाता है । पश्चात कुछ भट्ट कुल यहां से स्थलांतरित भी हुआ। ये सभी कुल तंत्र मंत्र […]
वेद, वेदांग पारंगत, उपनिषद, ग्रन्थ, मर्मज्ञ, अजेय शास्त्रार्थी, विलोभनिय अलौकिक विभुति ब्रह्मांश आचार्य मंडन मिश्र एक ऐसा तेजपुंज था जो अपने गुरु ब्राह्मण शिरोमणी कुमारिल भट्ट के गुरुत्व की दर्शनशास्त्र तथा मंत्रसिद्धी की सर्वथा साक्षात प्रतिमा थी । आचार्य मंडन मिश्र मण्डला ग्रामके निवासी थे । तथा पं.पू. शंकराचार्य के समकालीन थे । मण्डला ग्राम […]
आपकी आंतरिक सुझबुझ, निर्धारित कार्यशैली आर्थिक नियोजन तथा सुस्पष्ट धारणा एवं निःस्वार्थ भाव ने सभा के सर्वोच्च पद की गरिमा को बनाये रखते हुये सर्वसाधारण कार्यकर्ता के रुप में सहयोगीयों सह “आजिवन सदस्यता अभियान” को मूर्त स्वरुप दिया। आज यह सभा ४५० या सेभी अधिक सदस्यों की अपनी संस्था हो गयी है । उपलब्धी की […]
प्रथम सभापती जैसे देवदार के वृक्ष जंगलों में अपने आप बढते है । वैसे ही श्री. शांतीलालजी मिसर ने स्व कृतत्व एवं कठिण परिश्रम से आर्थिक राजधानी के शहर मुंबई की राह ली और स्नातक बी. कॉम. एल.एलबी. की उपाधी (डिग्री) प्राप्त कर अपने लक्ष्य को सी.ए. (चार्टर्ड एकाउंटेन्ट) की ओर किया और ये सारा […]
समाजसेवी कास्तकार आपने जयकिसन बाडी स्थित पाताल हनुमान मंदिर को संवैधानिक रुप देकर उसे सामाजिक ट्रस्टं बनवाया इसमें -आपको समाज बंधु श्रीमान बस्तीरामजी शर्माने पूरा पूरा साथ दिया । इससे पूर्व जलगांव शाकद्वीपीय ब्राह्मण समाज नवयुवक मंडल की स्थापना की तथा १९६५ में सर्वप्रथम अध्यक्षपद को विभुषित किया । समाज सेवाभाव से ओतप्रोत चैतन्य मुर्ती […]