हमारे आदर्श हमारी प्रेरणा

हमारे आदर्श हमारो प्रेरणा यह परिशिष्ट हमारे उन भव्य दिव्य विभूतियों का नामस्मरण है, जो अनादिकाल से युगानुयुग युग-श्रेष्टों में स्थापित रहे है । सप्तर्षी मंडल के देदीप्यमान ऋषी त्यागमूर्ति महर्षी वशिष्ट, भारत के प्रथम साम्राज्य (मोर्य साम्राज्य) निर्मिती के प्रेरक संस्थापक मगध श्रेष्ठविप्र, अर्थवेता कौटिल्य-आर्य चाणक्य, स्वर्ण युगिन गुप्त साम्राज्य के नवरत्न श्रेष्ठों में ज्योतिषरत्न मगश्रेष्ठ आचार्य वराह मिहिर वर्धन साम्राज्य के श्रेष्ठ विद्वत महाकवि बाणभट्ट, सौर शतक रचियेता एवं सौरतपोनिष्ठ कवि मयुरभट्ट, वेद वेदान्तो के निष्णांत अत्युच्च शास्त्रार्थी वेदाचार्य मंडनमिश्र, एवं भारतिय स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी अमर बलिदानी, शा.ब्रा. श्रेष्ठ मंगल पांडे आदि दिव्य आत्माएँ तथा से तेजांश ही हमारे संस्कार हमारी सभ्यता, हमारे आचार-विचार व सोच तथा हमारे आदर्श एवं हमारी प्रेरणाके स्रोत है। इन दिव्याशों का सत्यशोधन कर समाज के आत्मबल स्वाभिमान एवं मानसिक विकास हेतु समाजोन्मुख करना, स्थापित करना सभी विद्वत शा.ब्रा. जनों का कर्तव्य है । इसी श्रृंखला से जुडी एक कडी एक अल्पसा प्रयत्न है हमारी प्रस्तुती हमारे आदर्श हमारी प्रेरणा ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *